हस्त नक्षत्र में जन्मे जातक स्वभाव, कैरियर,रोग व उपाय:


हस्त नक्षत्र को काक मंडल का सदस्य माना गया है जिसमे 5 तारे हैं।
हस्त का अर्थ है ’हाथ’ जो की परस्पर सहयोग को दर्शाता है। इस नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता सविता सूर्य तथा इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा को माना गया है। हस्त नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह हस्त या हाथ है। इस नक्षत्र को तिर्यक मुख या सम्मुख नक्षत्र कहा जाता है। जो कि व्यापार विस्तार के लिए लाभकारी होता है।

स्वभाव: इस नक्षत्र में जन्मे जातक शारीरिक और मानसिक रूप में सक्रिय , लक्ष्य के प्रति समर्पित तथा व्यवस्था प्रिय होता है। आचार्य वराह मिहिर के अनुसार हस्त नक्षत्र के जातक ज्ञानी,बुद्धिमान, ऊर्जावान,साहसी,सफल व संपन्न व्यक्ति होता है। लेकिन कुछ जातक निष्ठुर स्वभाव के भी होते हैं।


कैरियर: इस नक्षत्र में जन्मे जातक फिजियोथेरेपिस्ट,डॉक्टर, टैरो कार्ड रीडर,वैज्ञानिक,संवाददाता, बैंकर्स,लेखक,अन्वेषक,शेयर दलाल,मैनेजर,क्लर्क,हस्त शिल्प,कलाकार,कृषक, व्यापारी ,जौहरी आदि में कैरियर बनाकर सफलता प्राप्त कर सकता है।


उपाय: भगवान सूर्य की उपासना तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना तथा भगवान विष्णु के ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना सभी प्रकार के अनिष्टों से मुक्ति दिलाता है। सफेद,हल्का हरा,नीला रंग भाग्यशाली होता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश पौराणिक(इंजी)

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