स्वभाव: धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक के स्वभाव में अष्ट वासुओं का स्वभाव देखने को मिलता है। इस नक्षत्र के जातक साहसी,ज्ञानी,
चुनौतियों का सामना करने वाला,स्थिर बुद्धि वाला,संवेदनशील,
परोपकारी, निश्छल,उत्साही,उच्च मनोबल वाला तथा कुशल विचारक होता है। अन्य विद्वानों ने इन्हे निडर,उदार,संगीत प्रेमी,काला निपुण तथा पराक्रमी स्वभाव का बताया है।
कैरियर: धनिष्ठा नक्षत्र के जन्मे जातक मंच कलाकार,सोने चांदी के व्यापारी,भौतिकी विशेषज्ञ,शल्य चिकित्सक, सैन्य कर्मी ,ज्योतिषी,
खिलाड़ी,एथलीट,प्रबंधक,भू विशेषज्ञ,गायक,संगीतकार,उच्च अधिकारी,वैज्ञानिक,इंटीरियर डिजाइन आदि में अपना कैरियर बना कर सफल हो सकते हैं।
रोग: धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक को रक्तचाप,पैरों में चोट,हृदय रोग
बेहोशी आदि बीमारियों से जूझना होता है।
उपाय: धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक को ॐ 'रं’ बीज मंत्र का जाप करना चाहिए तथा सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति हेतु मां दुर्गा की उपासना करना चाहिए। इसके अलावा अष्ट वासुओं का प्रतिदिन नाम लेकर उन्हें प्रणाम करें। अष्ट वसुओं के नाम कुछ इस प्रकार है आप,ध्रुव, सोम, धर,अनिल, अनल,प्रत्युष,प्रभास आदि। इनके लिए लाल,नीला तथा पीला रंग का उपयोग लाभकारी होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश पौराणिक (इंजी)
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