पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में जन्मे जातक का स्वभाव, कैरियर, रोग और उपाय:



हमारे नक्षत्र मंडल में स्थित तीन तारे जो की गज दंत की भांति प्रतीत होते हैं पूर्वाषाढ़ नक्षत्र है। पूर्वाषाढ़ का अर्थ है “पहले वाला या अपराजेय” । इस नक्षत्र के नक्षत्रपति शुक्र तथा अपः को अधिपति देवी माना गया है। जो की वैभव, सफलता,यश देने वाली हैं। पूर्वाषाढ़ का चिन्ह हाथ का पंखा है। 

स्वभाव : पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के जन्मे जातक धनी,मानी,गुणी, यशस्वी,सफलता के प्रति उत्साही,बीते कल को भूल कर भविष्य के लिए भी निश्चिंत दिखने वाला,अत्याधिक आत्मविश्वासी तथा महत्वकांक्षी होता है। आचार्य वराहमिहिर के अनुसार पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के जातक अभिमानी,सुंदर,आकर्षक,सहज प्रेमी,सत्यवक्ता होता है।


कैरियर: पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के जन्मे लोग जल सेना अधिकारी,जल परिवहन सेवा,मतस्यपालन,फैशन डिजाइनर, ब्यूटी पार्लर,जड़ी बूटी का व्यापारी,प्रवचनकर्ता,मनोचिकित्सक, एयर होस्टेज,कवि, लेखक,प्रबंधक,चित्रकार आदि में कैरियर बना कर सफलता प्राप्त कर सकता है।


रोग: पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में जन्मे लोगो को पीठ दर्द,पैरो में दर्द ,देह कंपन, वात,गठिया आदि रोग परेशान कर सकते हैं।


उपाय: पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में जन्मे जातक को मां लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभकारी होता है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ नित्य करने से लक्ष्मी इनके यहां चिर स्थिर हो जाती है। तथा भाग्य वृद्धि के लिए इन्हे हल्के गुलाबी तथा हल्के नीले रंग का प्रयोग करना चाहिए।


ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश पौराणिक(इंजी)

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