अनुराधा नक्षत्र में चार तारे एक पंक्ति में स्थित हैं। विद्वानों ने इस पंक्ति को पताका दंड माना है। अनुराधा का अर्थ है राधा का अनुगमन करने वाली। अनुराधा नक्षत्र के नक्षत्रपति ग्रह शनि तथा देवता मित्र नामक आदित्य हैं। जो कि द्वादश आदित्यों में से एक हैं।
अनुराधा को महर्षि अंगिरा का वंशज माना जाता है।
स्वभाव: अनुराधा नक्षत्र में जन्में जातक खोजी प्रवृत्ति के,जिज्ञासु,
ज्ञानी,बुद्धिमान,दिखने में चमकदार आंखो वाले सुंदर,मध्यम कद काठी के ,विनम्रशील, सरल स्वभाव के अनुशासन प्रिय होते हैं।
विद्वानों के अनुसार इस नक्षत्र के जन्मे लोग धनी, पर्यटन प्रिय,
विदेश में बसने के लिए उत्सुक,धार्मिक तथा बल प्रदर्शक होते हैं।
कैरियर: अनुराधा नक्षत्र में जन्मे जातक ज्योतिषी,गुप्तचर विभाग,अन्वेषक,पर्यटन उद्योग,परामर्श दाता,अंकशास्त्री,चौकीदार,
संस्था प्रमुख,राजदूत,खदान कार्य,फोटोग्राफर,तांत्रिक,सम्मोहन करता,हैकर,टेक्नीशियन आदि कार्यों में कैरियर बनाकर सफलता प्राप्त करता है।
रोग: अनुराधा नक्षत्र में जन्मे लोगो को पेट के रोग और जलन, सर दर्द,मूत्र रोग,गुप्त रोग,उल्टी,बुखार,वायु विकार,गुर्दे के योग तथा सन्निपात जैसे रोगों से जूझना पड़ सकता है।
उपाय: अनुराधा नक्षत्र में जन्मे जातकों को आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ नित्य करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इन्हे शमी या पीपल का वृक्षारोपण करना अत्यंत भाग्यशाली बनाता है।
इसके अलावा प्रत्येक चतुर्दशी के दिन भगवान हरि हर अर्थात शिव और विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। लाल,नीले तथा सुनहरा रंग का प्रयोग इनके लिए लाभकारी होता है।
ज्योतिषाचार्य पं योगेश पौराणिक (इंजी)
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