विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातक का स्वभाव, कैरियर,रोग और उपाय:



विशाखा नक्षत्र चार तारों के एक समूह जो कि आयताकार मेज की तरह प्रतीत होता है। विशाखा शब्द को संस्कृत में विशाख: कहा गया है जिसका अर्थ है ’कार्तिकेय’ कुछ विद्वान कृष्ण प्रिय राधा जी को भी इस शब्द से जोड़ते है। वैदिक साहित्य में विशाखा को देव स्थान अर्थात स्वर्ग माना गया है। इस नक्षत्र के नक्षत्रपति देवगुरु बृहस्पति तथा देवता इंद्र हैं। 

स्वभाव: विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातक दृढ़ निश्चय,लक्ष्य के प्रति उत्साही,बुद्धिमान,सुंदर,आकर्षित शरीर धारी,दूसरों के प्रति समर्पित तथा दयालु होता है। आचार्य वराहमिहिर के अनुसार इस नक्षत्र में जन्मा जातक लोभी,झगड़ालू,ईर्ष्यालु,चतुर,बुद्धिमान तथा ज्ञानी होता है। तथा इनकी आंखो में अलग ही आकर्षण देखने को मिलता है।

कैरियर: विशाखा नक्षत्र में जन्मे लोग धर्म गुरु,पुलिस,सेना, मंच कलाकार,सुरक्षाकर्मी,अंगरक्षक,दूरदर्शन कलाकार,क्रांतिकारी,
खिलाड़ी, कोरियोग्राफर,शराब उधोग आदि में सफलता प्राप्त करते हैं। लेकिन कुछ जातक बुरे क्षेत्रों जैसे आतंकवाद,देह व्यापार,दो नंबर के सारे कामों में रत देखे जा सकते हैं।

रोग: इस नक्षत्र में जन्मे जातक देह पीड़ा, फोड़े फुंसी, सर दर्द,पेट में जलन, दिल से संबंधित रोग आदि से ग्रसित हो सकते हैं।

उपाय: ॐ रामाय नमः मंत्र का जाप 1 माला जाप करना तथा राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना इस नक्षत्र में जन्मे लोगो को अत्यंत लाभ दायक सिद्ध होता है। इसके अलावा राधा रानी जी की पूजा इन्हे निर्मल भक्ति प्रदान करती है। लाल,नीला,सुनहरा पीला रंग का प्रयोग भाग्यवर्धक इनके लिए होता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश पौराणिक (इंजी)

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