मूल नक्षत्र में जन्मे जातक का स्वभाव, कैरियर,रोग और उपाय:

Moola Nakshtra
Moola Nakshtra 


नक्षत्र मंडल में बिच्छू के डंक की तरह दिखने वाले तारे मूल नक्षत्र है। मूल नक्षत्र में मुख्यत: 11 तारे हैं। भारतीय विद्वानों द्वारा इसे शेर की पूंछ सरीखा माना है। मूल का अर्थ है पेड़ की जड़ अतः इस नक्षत्र का नाम ही उसके गुणों की पहचान करा देता है। इस नक्षत्र के नक्षत्रपति केतु तथा अधिपति देवी नृति को माना है। जो कि अधर्म व हिंसा की पुत्री हैं। इसे गंडात नक्षत्र भी माना गया है। 

स्वभाव: मूल नक्षत्र में जन्मे जातक आध्यात्मिक,योगी,ध्यानी, ज्ञानी,मिथ्याभिमानी,माता ,पिता तथा गुरु जनो का सेवक ,किसी भी समस्या की तह तक पहुंचकर समस्या का हल खोजने में माहिर तथा लक्ष्य के प्रति ईमानदार होता है। आचार्य वराहमिहिर के अनुसार मूल नक्षत्र में जन्मा जातक दृढ़ निश्चयी,हठी,धनी,विनम्र,दयालु,सुखी तथा संवेदनशील होता है। 

कैरियर: मूल नक्षत्र में जन्मा जातक पुलिस अधिकारी,अन्वेषक,
ज्योतिषी,न्यायाधीश,सैनिक,वैध,नेता,गायक, खगोल शास्त्री,परामर्श दाता,कंप्यूटर विशेषज्ञ,जड़ी बूटी व्यापारी,कोयला पेट्रोलियम से संबंधित व्यापार,तंत्र मंत्र से जुड़े कार्य आदि में सफलता प्राप्त करता है।

रोग: मूल नक्षत्र के जातकों को मुख और गले से संबंधित रोग तथा पेट के रोगों से परेशानी होती है। 

उपाय: मूल नक्षत्र में जन्मे जातकों को भगवान शिव, गणेश तथा मां काली की उपासना अत्यंत लाभकारी होती है। सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति हेतु इन्हे दुर्गा कवच का पाठ करना चाहिए। लाल,काले,
गेरुआ रंग का प्रयोग मूल नक्षत्र के जातकों के लिए भाग्यशाली होता है। 

ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश पौराणिक (इंजी)

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