मघा नक्षत्र में जन्मे जातक का स्वभाव, कैरियर,रोग और उपाय:

मघा नक्षत्र में जन्मे जातक का स्वभाव, कैरियर,रोग और उपाय:
नक्षत्र मंडल में हंसिये के आकर में दिखने वाला चमकीला तारा मघा नक्षत्र है। मघा नक्षत्र को पितरों का वास स्थान माना गया है। मघा शब्द का अर्थ बलवान या महान होता है। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह केतु तथा अधिष्ठाता देवता पितृगण को माना गया हैं। महर्षि अंगिरा का संबंध इस नक्षत्र से माना जाता है।

स्वभाव: मघा नक्षत्र में जन्मे जातक काफी सकारात्मक सोच वाले,प्राचीन सभ्यता या संस्कृति प्रेमी,उदार,दयालु तथा परोपकारी होते हैं। आचार्य वराहमिहिर ने इन्हे शिष्ट,सभ्य,कुशल व्यापारी तथा मृदुभाषी बताया है। इस नक्षत्र में जन्मे जातकों के स्वभाव में पूर्वज से संबंधित व्यक्ति की झलक खूब देखने को मिलती है।

कैरियर: इस नक्षत्र में जन्मे लोग न्यायाधीश,वकील,साहूकार, नाट्यकर्मी,व्यापारी,मंत्री,विधायक,अभियंता,दुर्लभ वस्तु के व्यापारी,
कलाकार,ज्योतिषी,इतिहासकार,उच्च अधिकारी और आर्किटेक्ट आदि में अपना कैरियर बनाकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

रोग: मघा नक्षत्र में जन्मे जातकों को वात संबंधित रोग,पीठ दर्द, लीवर और किडनी से जुड़े रोग, हार्ट अटैक, मुंह के रोग आदि से परेशानी हो सकती हैं।

उपाय: मघा नक्षत्र में जन्मे जातकों को भगवान गणेश की पूजा तथा पूर्वजों के सम्मान में उनकी पुण्य तिथि तथा प्रत्येक अमावस्या पर ब्राम्हण भोजन या उनके निमित अन्न दान करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अलावा भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का नित्य जाप करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इनके लिए हल्का पीला रंग तथा गहरा लाल रंग का प्रयोग अत्यंत शुभकारी होता है।

ज्योतिषाचार्य पं योगेश पौराणिक (इंजी)


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